उत्तराखंडे कि पंची लोकसभा सीटों पर मतदान
प्रतिशत जू दिखण म आई, वे
से राजनीतिक दलों अर उम्मीदवारों कि जिकुड़ी घँगतोल म होली कि क्या
ह्वाल। प्रचार अर जागरूकता अभियान क तमाम कोशिशों क बावजूद भी उत्तराखंड का मतदाता बड़ी संख्या म अपण घरो बटी
भेर नि निकल। एक तरफ हमते यू भी चेणु, वू भी चेणु -
गाली दीण म पिछने नि रैंदा, अर जब सरकार चुनण कि बात आई त घर म बैठया रेन।
अभी तक चुनाव आयोग क अनुसार राज्य
म 57.24 प्रतिशत मतदान ह्वे यू 58 फीसदी तक जाई सकदू किले कि कुछ
सर्विस मतदाता, मतदान कर्मचारियों क
मत, दिव्यांग व 85 वर्ष से अधिक आयु क
मतदाताओं कू वोट ये म शामिल नि छन। राज्य
म 83,37,914 माsन केवल 47,72,484
मतदाताओं न अपण
मताधिकार कू प्रयोग करि। यीं बेर टिहरी म 53.82 (पिछल साल
58.30), गढ़वाल म 52.42 (पिछल साल 54.47), अल्मोड़ा
48.82 (पिछल साल 51.82), नैनीताल 62.47 (पिछल साल 68.69), हरिद्वार
63.53 ( पिछल साल 68.92) मतदान कू % राई। सबसे कम अल्मोड़ा म अर सबसे ज्यादा हरिद्वार म मतदान कू प्रतिशत
राई।
भू-कानून, मूल
निवास, पलायन, अर भाषा संविधान की 8 वीं अनुसूची म स्थान जन मुख्य
मुद्दा हावी छन पर वोट त करदा,
एकता त दिखांदा। दैं या बैं जने भी
वोट दींदा - पर
अफसोस च कि हमर उत्तराखंडी बंधु बिल्कुल भी राज्य हित/देशहित नि सुचणा छन - बाकी
संस्कृति क नाम पर नचै ल्यावा,फूहड़ता ते
दिखाणा रंदीन। संस्कृति अर संस्कारों की भी हेंस उड़ाना रंदीन। साहित्य,
भाषा अर हमर रीति रिवाज केवल प्रदर्शन म दिखेणी च। जबकि हमरी
संस्कृति, धर्म
अर भाषा - साहित्य मनखियो
अर समाज क रूप म हमारी पहचान क अभिन्न अंग छन।
यू हमर
विश्वास, मूल्यों अर परंपराओं ते
आकार दिंदीन। हमते अपनी जड़ों से संबंधित अर
संबंध की भावना प्रदान करदिन। हमरी
विरासत क इन पहलुओं ते महत्व दीण अर संरक्षित करण
महत्वपूर्ण च, किले कि समझण जरूरी च कि हम कख
बटी छा अर हम कु छा। हमर मौलिकता अर विरासत बणी राव।
मतदान कू अधिकार, भारत म लोकतंत्र की आधारशिला च, जू नागरिकों ते राजनीतिक परिदृश्य ते आकार दीण अर अपर नेताओं ते जवाबदेह ठहराण की शक्ति प्रदान करदू। चुनौतियों अर सीमाओं क बावजूद, मतदान कू अधिकार सामाजिक परिवर्तन अर प्रगति क वास्ता एक शक्तिशाली उपकरण च। समावेशिता अर भागीदारी शासन क सिद्धांतों ते बणाई रखिकन, भारत अपणी लोकतांत्रिक नींव ते मजबूत करण जारी रख सकदी अर एक अधिक न्यायसंगत अर प्रतिनिधि समाज सुनिश्चित कर सकदू।
मतदान एक मौलिक अधिकार च अर भारत सहित के भी लोकतांत्रिक समाज म एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
च। मतदान कू कार्य मनखियों ते अपनी सरकार ते आकार दीण अर उंक जीवन ते प्रभावित करण
वोली नीतियों ते प्रभावित करण म आवाज उठाणे
की अनुमति दीन्द। भारत म मतदान क कई लाभ छन, अर यू लाभ केवल
मतपत्र डलण क कार्य से अगनै च।
वोटिंग म भाग लीण से अधिक राजनीतिक
जागरूकता अर शिक्षा कु संचार हूँद, किले कि मनखी अपण मूल्यों
अर विश्वास क आधार पर अपण वोट क बारे म सूचित निर्णय लीण चांsद। भारत म मतदान एक स्वस्थ लोकतंत्र अर एक संपन्न समाज क वास्ता
आवश्यक च। यह महत्वपूर्ण च कि सभी पात्र नागरिक अपण मताधिकार क प्रयोग करेन अर सब्यू क वास्ता निष्पक्ष
अर न्यायपूर्ण समाज सुनिश्चित करने कुण लोकतांत्रिक प्रक्रिया म सक्रिय रूप से भाग
ल्यावन।