1.
"सर्रर सर्रर
कुहेड़ी
ऐन सौण-भादो की
फर्रर फर्रर
बथौन
सब उड़ै गै,
जौँ क
मन मा लगी
बारामासी कुहेड़ी
कु बथौ आलु
उड़ै लिजालु सदैनी।"
2.
"आ कुहेड़ी
लुकै दे
पिरथी सैरी,
कुनजरीयोँक नजर से
कुछ देर त बची रैली।"
3.
"कुहेड़ी
जब चलदी
सैड़्यी रैँद धरती
मन मा
लगी कुहेड़ी
कुहेड़ी
ऐन सौण-भादो की
फर्रर फर्रर
बथौन
सब उड़ै गै,
जौँ क
मन मा लगी
बारामासी कुहेड़ी
कु बथौ आलु
उड़ै लिजालु सदैनी।"
2.
"आ कुहेड़ी
लुकै दे
पिरथी सैरी,
कुनजरीयोँक नजर से
कुछ देर त बची रैली।"
3.
"कुहेड़ी
जब चलदी
सैड़्यी रैँद धरती
मन मा
लगी कुहेड़ी
हमेश जिकुड़ी जलांदी
हमेश मनखी तपाँन्दी।"
हमेश मनखी तपाँन्दी।"
महेन्द्र सिँह राणा 'आजाद'
© सर्वाधिकार
सुरक्षित
(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)
मन मा
जवाब देंहटाएंलगी कुहेड़ी
हमेश जिकुड़ी जलांदी
हमेश मनखी तपाँन्दी..... आपन भौत सुंदर भाव लिखिन महेंद्र जी
सुन्दर कविता
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