आज ही कू दिन २ अक्टूवर सन १९९४ तै प्रथक राज्य उत्तराखन्ड तै "मुजफ़्फ़रनगर कांड" मा अपण प्राण ख्वे देण वाल शहिदो तै श्रधांजली.... ऊ शहिदो की वलिदानी उत्तराखन्ड क ईतिहास मा सदा अमर रालू...... "जय उत्तराखन्ड जय भारत"
सूणा उत्तराखन्ड वासी
तूम सूणी ल्यावा
अपण देवभूमी तै
तूम अगने बढावा
याद करा वे दिन
चराणनवे साल..
दवी अक्टूवर दिन
हवेन कन हाल..
मांग उत्तराखन्ड की हम
जाण छ दिल्ली..
मुज्जफ़रनगर मू पहुंची
चली गेन गोली..
कत्यो बहिणियों की मांग सून
कत्यो मां की गोद सून
लाठी मारी बहिण्यो तै
कत्यो की बहगी खून..
ऊ मां-बहिण्यो तै
हमारू प्रणाम
ऊ शहिदो तै
हमारू शलाम
उत्तराखन्ड कू विकास कला
ईन हम काम कला
देवभूमी पर अपणी
आंच कभी नी औणी दयोला
सूणा उत्तराखन्ड वासी
तूम सूणी ल्यावा
अपण देवभूमी तै तूम
अगने बढावा
(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)