शनिवार, 26 जून 2010

खडडू दीदा कु ब्यो


खडडू दीदा कु ब्यो छ रे, जै छ मी बरती मा
 जन बरात जै छ गौं मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां - २
चाय पाणी भी हवेगे भैयों, सिगरेट फुकी छोरोन
जन खाणु की बारी आयी, बराती लुन्गतयार मा..........
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे होय होय..

खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)

सूजी भूजी भी खायी छोरो न, लगायी दवी घुट हां
रन्गमत हवेगेन छोरा, घमाचुर मन्डाण मां....- २
रंगीली-पिन्गली देखी जब, शान करी आन्खियों न
गांव वालो न जाणी दीदो, पिटी दिनी थान्तुन......
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे होय होय..

खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)

सुबेर जब हवायी भैयो, चली गेन ऊ बेदी मा..
ब्योली बिचारी बांद बणी छ, भैजी दबान्दू कांधी हां -२
रमच्याट मची गे बौ पर, भैजी कू हे हाथन.....
गाली भी दिनी छोरियोन, खडडू दीदा की मां सन
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे.........

खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)

मांगल जब छोरी देन्दन, दिल होन्दू झकझोर हां
जैकी मुखडी उन्द दिखा, आंशू औदन आखियों मा - २
दान दहेज खत्म हवेगे, लगदी पिठै-पाणी हां.......
कन रन्गत औयी छ आज, खडडू दीदा कु ब्यो मा
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे ..............

खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)

बरात जब पैटी गे भैयो, डवाला भी बणी गे
ब्योली तै बिठायी दीदो, रुवापिट मची गे.... - २
बरात जब घौर पंहुची गे, दरुल्या बाठु छुटी गे
धुम-धाम सी आज मेरू, खडडू दीदा कू ब्यो हवेगे..
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे..............

खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)

खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे रेरे रे रे रे रे ............

Copyright © 2010 Vinod Jethuri
 
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रविवार, 20 जून 2010

द्वी छुय़ी

द्वी छुय़ी
कुछ शब्द बहुत कुछ बोल जंदिन 

-खुदेड मन म्यार-
खुदेड मन म्यार
करदू रैंद भितर भैर
आंदि च कभी मितै खैर
नी दिखदू तब शाम सुबेर
- कैते बतो -
बैठ्यू रै ग्यू
सुचणू रै ग्य़ू
सुचदा सुचदा
रुमक पोडी ग्ये
क्वी दिखे नी
कैते बतो क्या सोची?
-क्या छंवी लगाण-
यू भी कर दूय़ं
वू भी कर दूयं
क्या बुतण 
अर क्या चुसण
अब तुमम 
क्या छंवी लगाण  
- रगरयाट -
आज किलै ह्वाल
हुंयु यू तौं फिर
रगराय़ट
बुढे गीन पर
नी छुट यूंक
सदिन्यु क रगरयाट
- छुंयाल -
छुंयाल छौ !!!
इन बुल्दिन लोग 
कभी छ्वी इनै की
कभी छ्वी उनै की
पर बुल्दु छौ जु
लोग बुल्वदिन ..
- बिसर ग्यो -

ध्यै लगेकि ब्वालि वीन 
चिन्नी लयेन आंद दफे
पहुंची जब  बज़ार 
मिल गीन यार द्वी चार
लगिन गप्प अर 
घूंट गीन भितर द्वी चार 
लमडदू लमडदू 
पौंछि मी गौ मा
कैकि चिन्नी
मित बिसर ग्यु अपर घार   

-प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल , अबु धाबी


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