मंगलवार, 20 जुलाई 2010

कुछ देखि, कुछ खै कि अर कुछ चूसि ओला

चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला




डांडी कांठयूं ते हम अपणी  देखियोला
कुछ देखि, कुछ खै कि अर कुछ चूसि ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

मुंगरी, भट अर मर्सू भूजि की हम ख्योला
दुध मा रुटि अर भात भिजै कि ख्योला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

झुंगर भात अर कंडलि कु साग ख्योला
पलयो चाखि ओला अर थिंव्चणी खयोला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

सौणा क मैना की खीर खै की ओला
तैडू अर म्यालो ते भूजि खै की ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

तिमला, औंला, बेडु अर खैणू सब देखि ओला
किन्ग्वड, हिसरा, काफल अर जामण खै कि ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

बुंराश अर बंसिगू क फूलो चूसि ओला
क्वादो क डंकुली तूंग क पत्ता चूसि ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

कचपोलि अर शिकार सब चाखि ओला
पटवडी ख्योला बौडी कू साग चाखि ओला।
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

राई,गुदडी अर प्याजा की भुज्जी हम खाई कन ओला
पिंडला अर गींठी  तै हम खाई कन ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

ब्यो बराती मा अरसा,पकोडा अर ससकंडी ख्योला
पंडो नाची अ कल्यो-पौणे खाई कन आई जोला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

बाडी घूलि की अर चैव्सणी हम खाई कन ओला
पपीता की भुज्जी अर ठुंगार कु स्वाद चाखि ओला
चलो जयोला अपणी देव भूमि घूम्योला

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल , अबु धाबी, यूएई


(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)

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