खडडू दीदा कु ब्यो छ रे, जै छ मी बरती मा
जन बरात जै छ गौं मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां - २
चाय पाणी भी हवेगे भैयों, सिगरेट फुकी छोरोन
जन खाणु की बारी आयी, बराती लुन्गतयार मा..........
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे होय होय..
खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)
सूजी भूजी भी खायी छोरो न, लगायी दवी घुट हां
रन्गमत हवेगेन छोरा, घमाचुर मन्डाण मां....- २
रंगीली-पिन्गली देखी जब, शान करी आन्खियों न
गांव वालो न जाणी दीदो, पिटी दिनी थान्तुन......
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे होय होय..
खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)
सुबेर जब हवायी भैयो, चली गेन ऊ बेदी मा..
ब्योली बिचारी बांद बणी छ, भैजी दबान्दू कांधी हां -२
रमच्याट मची गे बौ पर, भैजी कू हे हाथन.....
गाली भी दिनी छोरियोन, खडडू दीदा की मां सन
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे.........
खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)
मांगल जब छोरी देन्दन, दिल होन्दू झकझोर हां
जैकी मुखडी उन्द दिखा, आंशू औदन आखियों मा - २
दान दहेज खत्म हवेगे, लगदी पिठै-पाणी हां.......
कन रन्गत औयी छ आज, खडडू दीदा कु ब्यो मा
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे ..............
खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)
बरात जब पैटी गे भैयो, डवाला भी बणी गे
ब्योली तै बिठायी दीदो, रुवापिट मची गे.... - २
बरात जब घौर पंहुची गे, दरुल्या बाठु छुटी गे
धुम-धाम सी आज मेरू, खडडू दीदा कू ब्यो हवेगे..
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे..............
खडडू दीदा कु ब्यो छ रे जै छ हम बराती मा
जन बरात जै छ गांव मा, छोरो कु फ़फ़ताट हां
छोरो कु फ़फ़ताट हां (कोरस)
खडडू दीदा कु ब्यो छ रेरे रे रे रे रे रे रेरे रे रे रे रे ............
Copyright © 2010 Vinod Jethuri
(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)
विनोद भुल्ला क्या बात ब्याह मा त बस पूछ ना क्या मस्ती आंद..अर फोटु मा तेर पीठ किलै दिखेणी च.
जवाब देंहटाएंअच्छू लिखी फफताट