शनिवार, 21 नवंबर 2020

लिखण कुण तैयार छौं





देबी दिबतौ की खूब पूजे करी 
डांडा काण्ठियू ते खूब ल्याख
ब्यो बरती कू खूब स्वांग रची  
खुदेड़ गीतों मा खूब रूले 
रास रस्याण की अर खाणे पीणे की
की खूब घपरौल मचे
अब मीन कुछ और लिखण
ज्यू बुलणु कुछ और लिखण कू 
पर सुचणु छौं 
क्या लेखू, क्या नी लेखू 
इने उने की कथुक लिखण
तुम्हीं बताओ दी क्या लिखण
सच लिखण कि झूठ लिखण
त्वेते लिखलू त सच ही लिखलू
अफु ते लिखुल त झूठ लिखलू 
या ही त सच्चे छ अचकाल 

सच दुसरों की ही भलु लग्दु 
अपर झूठ त सदेनी लिख्द आणू छौं 
सच दुसरों कु ही लिखे जांद
बुरे त दुसरों की ही दिखेंदी 
अर टंगड़ खिंचण मा 
हम गढ़वलियूं कु 
क्वी मुक़ाबला भी त नी च
खुद ते हम, सच्चे कु पुतला समझदौ
अंगुली उठाण मा भी त आनंद आन्दु
अफु ते वाह-वाही 
अर दुसर ते सर्मन्दगी मिलद
अर हाँ इन लिखण का बाद ही त 
जीत कू अहसास हून्द 
एवरेस्ट पर जन झण्डा फहराण सी 
अर मुखड़ी पर रंगत बकी बाते की 
चलो यू ही सब
एक बार मी लिखण कुण तैयार छौं  
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल



(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)

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