बुधवार, 9 दिसंबर 2020

मेर वा



रम झुम

छम छम

मेर वा

आंदी च

घम घम

चम चम

करदी च

रक रक

सक सक

 

मी बुल्दु

थम थम

ये मेरी

हंसदी बुरास

नी हेंस

मुल मुल

जिकुड़ी हिल्दी

झम झम

सुण मेरी

सुख्यूं पराण

द्वी घड़ी

माया लगोला

 

वा बुल्दी

कभी त

केरा सरम

म्यारा स्वामी

केरा करम

तुमर दगड़

फुटिन करम

तुमरी सौं

सदनी की

झक झक

करदा छौ

बक बक 

फुंड फूंका

अपरी छूईं

-    प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ०९\१२\२०२०








(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें