~ माँ मितै बडुलि लगदी ~
जब जब मितै याद तेरी औंदि माँ,
तब तब मितै बडुलि भी लगदी माँ।
तू भी माँ मितै याद करणि होली,
रूणी कथका तेरी जिकुडी होलि।
आंखि तेरि भी माँ रुझणि होलि,
बडुलि त्वै ते भी लगणि होली।
तेरी आंख्यू न सदा खुशी देखि मेरी,
आज वू आंख्यू मा पाणी च तेरी|
मन मा तेरो कुलबुलाट मच्यू होलू,
जिकुडी तेरी सुगबुगहाट करणी होली।
दूधा-भत्ति अर जू बोली मीतै खिलायी,
दुधि बाली गै कन तीन मीतै सुलायी।
कन हूंदो च सुख यू भी तीन नी जाणी|
बस हर दुख म्यार तीन अप्णु जाणी।
कथुका बगत नज़र तीन मेरि उतारी,
अफु भुखि रेकन पुटगि तीन मेरि भ्वारी।
कुशल रंवा हम वाकुण ब्रत तीना धारी,
उम्र तीना घर बणान मा काटी सारी
,
त्यार आंचल मा छुप्य़ू च ब्रह्मांड इन बुदिन,
त्यार हथ सदनि आश्रीवाद कुण ही उठिन।
तेरी खुशियूँ की खातिर करी मीन नौकरी,
निभाणू छौ अब बाल-बच्चो की जिम्मेदारी।
रूणि नी रेई तू तख मेरी माँ,
छौ कुशल मंगल मी इख माँ।
करदू प्रार्थना हथ जोडी मेरी माँ,
राजी खुशी रैई तू तख मेरी माँ।
ओलु छुट्टी दर्शन त्यार मी करलू,
त्यार हथ क स्वाद फिर मी च्खलू।
जख बुललि उख त्वैते मी घुमोलु,
तेरी सुणलु अर अपणी मी सुणोलु।
कनु हूंद भगवान मिल नी जानि,
तु ही छै सब कुछ यू मीन मानि।
मीन भगवान सदेनि त्वैमा देखि,
यां से अगनै मी नी सकदू लेखि।
जब जब मितै याद तेरी औंदि माँ,
तब तब मितै बडुलि भी लगदी माँ।
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
(सबी माँओ ते समर्पित या कविता)
(अपनी बोलि अर अपणी भाषा क दग्डी प्रेम करल्या त अपणी संस्कृति क दगड जुडना मा आसानी होली)
आप़ल तो हमर मन और कलेजी थे, माँ कु प्रेम से भर दी भैजी....
जवाब देंहटाएंमाँ हून्दी ही इदगा महान च...कि वींका बारा मा कतगा बी लिखा, कम ही च l
साझा कन कु धन्यवाद् l
aapan bahut acchu lekhi barthwal ji.
जवाब देंहटाएंmaa maa maa
Maa ji,
जवाब देंहटाएंbahut achcha bhai saab
जवाब देंहटाएंaap bahut achcha likhte hai
THANKS BHAI JU AAP N ETHGA BADI KABITA LIKHI
जवाब देंहटाएंJALAM SINGH BISHT
VINOD SINGH BISHT
BHARAT SINGH BISHT
DEEPAK SINGH BISHT
ek prarthna cha karnu: ye blog ku rang-dhang (color theme) tain jara saral banava...dikhdu ni ye ma khoob!
जवाब देंहटाएं.....................
or haan ....lagge gi baduli!!
MI VE UTTRAKHAND CHAU MAI TAI APDA GHAUR BAHUT YAAD AANDI.SCREEN MA YU SAB PADIK AANKA MA AANSU SE AEI GAINI MAI BAHUT KISMAT WALU CHAUN KI MERU JANAM UTTRAKHAND MA HUEY.HAMRU GARHWAL JAN KAKHI VE NI CHA MI TAI APDA GHAUR BAHUT YAAD AANDI
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