बुधवार, 4 अगस्त 2010

जी आपल सुणी ... बिचरी/रु .... ///

बोडी छेई छजजम बैठी ! आंदा जन्दरो थै , छेई पु छ णी .. " हे भाई लुखो ..! " . तैलया ख्वाल बची ब्वारी कु , क्या हवाई होलू ! जतका तै पूछी, सी बुना छा ! बुन क्या च बोडी , व त स्वील की पिडमा च बिचरी यैडाणी ! कनु म्वार वे बची कु ? जू जम्पत हुयुच ! .., दौड़ी दौड़ी माथि जाऊ . ! . पैलत , कै डाक्टर थै लादू ..! निथर, उ क्या ब्लुक्दन .. द, भाई कन कापली फूटी ... समणी वाली से बुन बैठी " बब़ा, क्या बुन, चुक्पट ह्वैगी मतिकू ! "
तबरी कैल बोली ..., बोडी..., तू बुन क्या च णी चै ?
बोडी बोली अरे बिटा .. " मी बुनू छो, की पिछला साल वे मुख्या मंत्रील जब बोली, की, मी, प्रसब व इमर्जन्सी का वास्ता १०८ गाडी लागाणु ! उ गाडियों थै क्यों फोन कैकी क्वी नि बुलाद्य बची.... परा आआआआआआआआ .. ??????????. !"
कैल बोली .. गे छो .. गे छो ! फोन भी करी छो! , पर, लैन ही नि मिलदी ! बोडी जब लैन ही नि मिलदी , त उथै कन कवाई पता चलालू की फलना गोमा, क्वी स्वीली च पीड माँ !
बोड़ी गुस्स्म फिगरेकी बोली .. " १०८ बान त उ, गिनीज बुक माँ अपणु नों, अपना बाई-बुबा अर दादों नो....., च , लिखाणु ! अरे उत मोरिगी तैरिगी ! पर जू अभी जन्म्यु नि विका बारमा कुछ ना ? अरे यु नेताओं थै कु समझा उ ...!
जू पैदा ह्वै की, ये राज्य मा वोट देणवलु ह्वालू, जू , युथै कुर्सियु पर बैठादिनी या बैठाला ! विका बारमा कुछ ना ..! अरे, जब वेल , १०८ गाडी लगैनी, त , वेथै पता नि छो कि, लैनेकि जरूरत भी उतके जरुरी च ज्त्क्गा की या गाडी ! आगरा बची ईई ..... ब्वारी थै, कुछ ह्वै जालू ना आआआआअ , त , मिन पट नारसिगम जैकी घात घन ! वे १०८ गाडियों का वास्ता अर लैनवालो का वास्ता ! अर जू , युथै दिख्ननीं सकदा .. , उका वास्ता .. !
जनि बोडी .. चुप ह्वै चै कि एक आदिम ताल बीती आई बुन बैठी .. " बोडी, बची कि नौनी ह्वैगी पर ब्वारी जड़ी रै ..! " बोदी थै काटो त खून ना !

परशार्गौर
२६ अप्रैल २०१० रात ८.५१ पर

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