बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

"कुदरतो कहर "

"कुदरतो कहर "

ये बसगाल
येसु बसगाल
भैर /भित्तर , छन्यूमा
पाणी ही पाणी !

जै देखि ,
डनडयली / वबरी हिलिनी
ग़ोउर- ब छु रु कांपा ...
धुर्पल्युमा थर्पियु दयबता डैरी !

कूडी चुइनी / फटली चुइनि
उणी चुइनी / कुणी चुइनी
धुर्पली चुइनी ......
इन चुइनी की, जों देखि
आंखियु का आंसू भी कम पड़गी !

पराशर गौर
सितम्बर २२ . २०१० सुबह १०. ३० बजे

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