बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

द ब्वाला , पतै नि !

द ब्वाला पतै नि !


रुडियु कु घाम
सौंण/भादौ की बस्गाल
पूस /मौ की ठंड
चैत /बैसाखे मौलार
दीदा ....उत ..,
म्यार गौमै ही रैगी !

यखत, न पाणी
न ठंड, न बरखा , न घाम
यखत बस काम ही काम !

यखत,
रात दिनों पते ही नि
कबरी रूडी गे , कबरी सौण
कबगे -पूस /मौ
गे कबरी चैत /बैसाख प्तै नि !

यखत पता च बस ,
कब दींण क्वाटरो किराया
राशन पाणिकु बिल
यु बिल ,वो बिल अर स्यु बिल
कब बितिगे इनमा उम्र पतै नि !

पराशर गौर
दिनाक २९ जनबरी २०११ समय १.४६ दिन्म

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